“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल – दिल को बहलाने की आदत हो गई है ….
गायक – डॉ हरि ओम (लखनऊ)
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
डॉ हरि ओम का नाम सभी के लिए जाना पहचाना है। IAS अधिकारी का गुरुतर दायित्व निभाते हुए भी उन्होंने अपने दिल की आवाज़ को कभी अनसुना नहीं किया तथा लेखन और गायन को बदस्तूर जारी रखा। वह जितने जनप्रिय अधिकारी हैं, उतने ही लोकप्रिय शायर और गायक भी हैं। अपनी शायरी को अपनी compositions में गाने के लिए वह काफ़ी मशहूर हैं।डॉ हरि ओम आकाशवाणी और दूरदर्शन के A ग्रेड आर्टिस्ट हैं। उनके करीब आधा दर्ज़न ग़ज़ल अल्बम रिलीज़ हो चुके हैं। इसके अलावा कई नामी म्यूज़िक कम्पनियों के लिए फुटकर गीत भी गाए हैं, कई किताबें लिखी हैं। उन्हें गायन और लेखन के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं। डॉ हरि ओम की आवाज़ में ठहराव के साथ-साथ रवानगी भी है, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है ….उनकी गाई हुई ये ग़ज़ल सुनकर आप भी ऐसा ही महसूस करेंगे… सुनिए ….. Like करिए… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
धन्यवाद
विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।